Tuesday, January 11, 2011

युवती के साथ बलात्कार हुआ: सीबीसीआईडी

उत्तर प्रदेश में बांदा की एक दलित युवती के साथ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक द्वारा बलात्कार के आरोप की जांच कर रहे सीबीसीआईडी ने अपनी शुरुआती जांच में बलात्कार होने की पुष्टि की है।

सीबीसीआईडी ने बलात्कार मामले में मंगलवार को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। सीबीसीआईडी के महानिरीक्षक गुरूवचन लाल ने बताया कि बलात्कार जांच मामले में अंतिम रिपोर्ट 21 जनवरी को सौंपी जाएगी। प्रारम्भिक रिपोर्ट में युवती शीलू के साथ बलात्कार होने की पुष्टि हुई है।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह कैसे बताया जा सकता है कि युवती के साथ बलात्कार नरैनी से बसपा के विधायक पुरूषोतम द्विवेदी ने ही किया है लेकिन यह सच है कि उसके साथ बलात्कार हुआ है। सीबीसीआईडी सूत्रों के मुताबिक विधायक की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है।

सीबीसीआईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि चोरी के आरोप में युवती को पिछली 14 जनवरी को जेल भेजे जाने के वक्त उसकी हालत खराब थी। जांच टीम ने जेल में दो महिला बंदी रक्षकों के बयान भी दर्ज किए। बंदी रक्षकों ने भी युवती की हालत ठीक नहीं होने की पुष्टि की।
जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि युवती पर लगाए गए चोरी के आरोप गलत थे। विधायक ने जिस मोबाइल फोन चोरी के आरोप में शीलू को गिरफ्तार कराया, वह फोन उन्होंने खुद ही उसके पिता से बात करने के लिए दिया था। जांच टीम ने युवती के बयान को सही पाया है। टीम ने उन लोगों से भी बात की जहां बलात्कार के बाद युवती ने जाने की बात कही थी। युवती के बालिग या नाबालिग होने के बारे में आज बांदा की अदालत में सुनवाई होनी थी लेकिन स्कूल के प्राचार्य के उपस्थित नहीं होने के कारण इसकी तारीख अब 17 जनवरी तय की गई है। मुंसिफ मजिस्ट्रेट रवि गुप्ता ने अब ग्राम सचिव को अब परिवार रजिस्टर के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया है।

बलात्कार पीड़ित युवती की जमानत पर कार्रवाई उसके बालिग और नाबालिग साबित होने पर ही हो सकती है। यदि वह नाबालिग हुई तो पूरी कार्रवाई बाल अदालत में होगी। युवती ने कल अदालत में द्विवेदी द्वारा बलात्कार किए जाने को लेकर मुंसिफ मजिस्ट्रेट रवि गुप्ता के समक्ष लिखित बयान दिया था।

बयान में उसने कहा कि विधायक के समर्थक भी उसके साथ अक्सर गलत हरकतें किया करते थे। शीलू ने कहा कि उसने इस बात की शिकायत पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में भी की थी लेकिन पुलिस अधीक्षक ने उसे अधूरा बता कर वापस कर दिया था। शीलू को कल वह पत्र भी दिखाया गया जो उसने पुलिस अधीक्षक को लिखा था। बलात्कार पीड़ित युवती ने कहा कि पत्र का दूसरा पृष्ठ उसके द्वारा लिखा नहीं गया है।
इससे पूर्व पुलिस ने स्कूल के स्थानांतरण प्रमाण पत्र "टीसी" के आधार पर दावा किया था कि युवती बालिग है। शीलू को बसपा विधायक के यहां घरेलू काम करने के लिए रखा गया था और विधायक के घर में चोरी करने के आरोप में उसे 14 दिसम्बर को जेल भेज दिया गया था। युवती ने आरोप लगाया है कि उसके साथ विधायक और उनके कुछ समर्थकों ने बलात्कार किया।
उसने जब इसकी शिकायत पुलिस में की तो उसे चोरी के झूठे मामले में जेल भेज दिया गया।
यह शिकायत मिलने पर बसपा प्रमुख मायावती ने विधायक को पार्टी से निलंबित कर दिया तथा इसकी जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी थी। दूसरी ओर द्विवेदी ने युवती के आरोप को गलत बताते हुए कहा पुलिस को आज दिए बयान में उनके विरोधियों ने उन्हें फंसाने के लिए यह साजिश रची है।
 

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