Sunday, November 28, 2010

कई अवतारों में दिखेंगी करीना

करीना कपूर के लिए भले ही वर्ष 2010 अच्छा नहीं रहा हो मगर वर्ष 2011 के अच्छा होने की पूरी संभावना है। इस साल करीना कपूर की पांच फिल्में आने वाली हैं। किंग खान की ड्रीम फिल्म 'रा-वन' के अलावा वह सलमान खान के साथ 'बॉडीगार्ड' में भी काम कर रही हैं।

वे अपने प्रेमी सैफ अली खान के साथ 'एजेंट विनोद', और इमरान खान के साथ 'शॉट टर्म शादी' में भी नजर आएंगी। उनके अमीर खान के साथ एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म में काम करने की चर्चा है। पिछले साल करीना की सिर्फ एक फिल्म 'गोलमाल-3' हिट रही जबकि उनकी दो फिल्में 'वी आर फैमिली' और 'मिलेंगे-मिलेंगे' प्लॉप हुईं।

करीना ने बताया कि मेरे मन ने मुझे अलग तरह के किरदारों को चुनने के लिए कहा। इससे पहले भी मैं 'ओंकारा' और 'चमेली' जैसी फिल्में कर चुकी हूं जो सिनेमा की मुख्यधारा की फिल्में नहीं थीं। पिछले साल 'वी आर फैमिली' का किरदार बहुत मुश्किल था। इस साल मेरी फिल्मों में विषय और किरदारों का अच्छा मेल है।

'टशन' में अपनी साइज जीरो से तहलका मचाने वाली करीना का कहना है कि वे अपने लुक और शरीर के साथ प्रयोग करना बंद नहीं करेंगी। उनका कहना है कि सभी इस बात को एक सिरे से मानेंगे कि मैं वह अकेली अभिनेत्री हूं जो बहुत मेहनत करती है। लोगों को मेहनत करनी होगी क्योंकि इसका कोई फॉर्मूला नहीं है कि क्या सफल होगा और क्या नहीं। करीना का कहना है कि अपने शरीर को बदलना इतना आसान नहीं होता। जब मैं साइज जीरो फिगर के साथ आई तो लोगों को अच्छा लगा। मुझे भी अच्छा लगा मगर अब लोग एक अलग करीना को देखेंगे।

Thursday, November 25, 2010

भारतीय संस्कृति पर हमें गर्व: सर आनंद

भारतीय प्रवासी दिवस सम्मेलन के मुख्य अतिथि न्यूजीलैंड में भारतीय मूल के गवर्नर जनरल सर आनंद सत्यानंद ने कहा है कि विदेशों में रह रहे भारतीय अपनी जड़ से जुडे़ रहकर भारत के सांस्कृतिक दूत के रूप में काम कर रहे हैं।

सुदूर प्रशांत महासागर क्षेत्र के देश न्यूजीलैंड में सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन सर आनंद ने कहा कि पिछले 200 वर्षों से भारत से जुडे़ लोग न्यूजीलैंड में भारतीय मूल्यों एवं परम्पराओं के साथ रह रहे हैं। सर आनंद ने सम्मेलन के औपचारिक उदघाटन के मौके पर कहा कि प्रवासी भारतीय चाहे जिस देश में बसे हों, उन्होंने अपनी जड़ों को याद रखा है तथा भारत की सभ्यता-संस्कृति को लेकर वे गर्व महसूस करते हैं।
उन्होंने गिरमिटिया मजदूरों के रूप में फिजी गए अपने पूर्वजों की संघर्षपूर्ण जीवनगाथा की चर्चा करते हुए कहा कि उनके पूर्वज करीब 130 वर्ष पूर्व उत्तरप्रदेश के एक गांव से गिरमिटिया मजदूर के रूप में फिजी गए थे। वहां से अगली पीढी़ के लोग न्यूजीलैंड जाकर बसे। गरीबी और अभावों का उन्होंने सफलतापूर्वक सामना किया तथा अपने नए देश में सम्मानपूर्ण स्थान हासिल किया। लेकिन उन्हें भारत की संस्कृति से जुडे़ रहने पर आज भी गर्व महसूस होता है।
 

Monday, November 22, 2010

नशे में धुत होंगे तो नहीं बैठाएगी आपकी कार

 यदि आप नशे में धुत होकर अपनी कार में बैठे और आपकी कार स्टार्ट होने से इनकार कर दे, तो आपको किसी मैकेनिक का नहीं, बल्कि नशा उतरने का इंतजार करना होगा। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा उपकरण तैयार करने का दावा किया है जिसे वाहन में लगा देने के बाद चालक के नशे में धुत होने पर वह चलने से इनकार कर देगा।
      
वाशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक इस नयी तकनीक के तहत वाहन में ऐसे सेंसर लगाए जाएंगे जो बहुत संवेदनशील होंगे, यह चाभी लगाने की जगह या स्टार्ट बटन पर मौजूद होगा। यह फौरन ही आपके शरीर में मौजूद अल्कोहल के स्तर को भांप लेगा।
      
अमेरिका के राष्ट्रीय राजमार्ग सुरक्षा प्रशासन के प्रशासक डेविड स्ट्रीकलैंड ने बताया कि यह तकनीक शराब पीकर वाहन चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं में कमी लाएगी और इससे हर साल हजारों लोगों की जान बचने की संभावना है।
      
गौरतलब है कि इस तकनीक का उद्देश्य एक ऐसा उपकरण तैयार करने का है जो एक सेकेंड से भी कम समय में प्रतिक्रिया करेगा और बिना किसी अतिरिक्त खर्च के 10 साल या 1,57,000 मील तक काम करेगा।

Wednesday, November 17, 2010

'मंकीज ऑफ बॉलीवुड' और आमिर

दो बंदरों पर आधारित होगी रहमान की म्यूजिकल फिल्म

संगीतकार ए आर रहमान और भारतीय मूल की ब्रितानी फिल्मकार गुरिंदर चडढा बंदरों से जुड़ी एक एनिमेटेड म्यूजिक फिल्म पर काम करने वाले हैं।
ड्रीमवर्क्‍स एनिमेशन ने रामायण पर आधारित म्यूजिकल फिल्म 'मंकीज ऑफ बॉलीवुड' के लिए रहमान और गुरिंदर को एक साथ लाने का फैसला किया है।
   
वेराइटी ऑनलाइन की खबर के मुताबिक, यह एनिमेशन फिल्म दो बंदरों की कहानी पर आधारित है, जो एक राक्षस को दुनिया पर कब्जा करने से रोकने का प्रयास करते हैं।
 
10 साल बाद आमिर के साथ काम करेंगी फराह

 
हाल ही में प्रदर्शित हुई फिल्म 'तीस मार खान' की निर्देशक फराह खान एक बार फिर नृत्य निर्देशन करने वाली हैं। अभिनेता आमिर खान ने फराह से फिल्म 'दिल्ली बेली' के गीत पर नृत्य निर्देशन करने का आग्रह किया है।
करीब 10 वर्षो बाद आमिर के साथ काम करने की पुष्टि करते हुए फराह ने कहा कि हां, मैं आमिर की फिल्म 'दिल्ली बेली' के एक गीत का नृत्य निर्देशन कर रही हूं क्योंकि आमिर ने मुझसे ऐसा करने को कहा है।
ऐसे में जब फराह से पूछा गया कि क्या आप सक्रिय रूप से नृत्य निर्देशन की दुनिया में लौटने जा रही हैं तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है, मैं सक्रिय तरीके से नृत्य निर्देशन नहीं करती। दोस्तों के लिए कुछ गानों पर नृत्य का निर्देशन करती हूं।
आमिर के गीत के अलावा मैं अपने भाई साजिद की फिल्म 'हाऊसफुल 2' और अपने पति शिरीष खरे की फिल्म 'जोकर' के गीत के लिए नृत्य निर्देशन कर रही हूं। इसके अलावा इस वर्ष किसी और गीत के लिए नृत्य निर्देशन नहीं करूंगी। पिछले वर्ष निर्देशक अभिनव देव ने 'दिल्ली बेली' को पूरा किया था।

Monday, November 15, 2010

4 पुस्तकों का लेखक खींचता है रिक्शा

कोई रिक्शा चालक कविताएं लिखता हो तो सुनने में दिलचस्प लग सकता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के एक रिक्शाचालक की लिखी चार किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर आधारित करीब चार सौ कविताओं का संग्रह है।
बस्ती जिले के बड़ेबन गांव निवासी रहमान अली रहमान (55) की राष्ट्रीय एकता, सांप्रदायिक सौहार्द्र, पानी और महंगाई जैसे विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर कविताओं की चार किताबें प्रकाशति हो चुकी हैं।
रहमान ने बताया, ''कविता लेखन मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। बिना कविताओं के मैं अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकता। कविता मुझे जीवन की कठिनाइयों का सामना करना की शक्ति देती है।''  रहमान के मुताबिक जब उन्हें सवारी नहीं मिलती तो वह अपने समय का उपयोग कविता लिखकर करते हैं।
परिवार की आर्थिक हालत ठीक न होने के चलते रहमान ने 10वीं के दौरान स्कूल छोड़ जीविका चलाने के लिए काम करना पड़ा, लेकिन वह लेखक बनना चाहते थे। वह कहते हैं, ''पिता के निधन के बाद मेरे ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ गई। उस समय लेखन के क्षेत्र में जाकर अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए न तो मेरे पास समय था और न ही संसाधान।''
कुछ समय बाद रहमान कानपुर जाकर एक सिनेमाघर में नौकरी करने लगे। रहमान याद करते हुए कहते हैं कि नौकरी के दौरान उन्हें फिल्मी गाने सुनने का मौका मिलता। बाद में वह खुद गीत लिखने का प्रयास करते। अपने गीतों से रहमान कुछ दिनों में सिनेमाघर के कर्मचारियों के बीच खासे लोकप्रिय हो गए। रहमान जो अभी तक केवल गाने लिखते थे धीरे-धीरे समसामयिक मुद्दों पर लंबी कविताएं लिखने लगे।
इसी बीच उन्हें बस्ती जिले स्थित अपने गांव जाना पड़ा, जहां उनकी शादी हो गई। यहां उन्होंने अपनी जीविका चलाने के लिए रिक्शा चलाने का फैसला किया। इस दौरान उन्होंने रिक्शा चलाते हुए कविताएं लिखना जारी रखा। रहमान के तीन पुत्र और तीन पुत्रियां हैं।
वर्ष 2005 रहमान के जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आया जब एक व्यक्ति की मदद से रहमान की पहली पुस्तक का प्रकाशन हुआ। इसके पीछे दिलचस्प कहानी है। रहमान ने बताया, ''आवास विकास कॉलोनी (बस्ती) के पास एक दिन मैं सवारी का इंतजार कर रहा था तभी एक व्यक्ति ने मुझसे कहीं छोड़ने के लिए कहा। उसने देखा मैं कागज पर कुछ लिख रहा हूं। रास्ते में बातचीत के दौरान उसे मेरे कविता लेखन के बारे में पता चला। उसने मुझे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कानपुर जेल के एक कार्यक्रम में कविताएं सुनाने का मौका दिया।''
रहमान ने उस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और इस दौरान उन्हें पता चला कि वह व्यक्ति मशहूर हास्य कवि राम कृष्ण लाल जगमग हैं। बाद में रहमान का सामाजिक दायरा बढ़ा। एक कार्यक्रम में रहमान की मुलाकात कुछ शिक्षकों से हुई। वे कानपुर के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) मानस संगम के सदस्य थे। इन लोगों की मदद से वर्ष 2005 में रहमान की पहली पुस्तक 'मेरी कविताएं' का प्रकाशन हुआ।  तब से रहमान की  'रहमान राम को', 'मत करो व्यर्थ पानी को' सहित तीन किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं।
एनजीओ मानस संगम से संयोजक बद्री नारायण तिवारी ने कहा कि रहमान हर मायने में अद्भुत हैं। विपरीत परिस्थितियों में कविता लेखन के निरंतर प्रयास का उसका जज्बा निश्चति तौर पर काबिले तारीफ है।
 

Monday, November 8, 2010

दंग कर देगी 'दिल तो बच्चा है जी': भंडारकर

अब तक रिएलिटी आधारित फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले निर्देशक मधुर भंडारकर अब अपनी पहली कॉमेडी फिल्म 'दिल तो बच्चा है जी' से दर्शकों को भौचक करने वाले हैं।

भंडारकर ने कहा कि पहली बार मैं ऐसी फिल्म लेकर आ रहा हूं, जो मेरी पहले की फिल्मों से कुछ अलग है। 'दिल तो बच्चा है जी' तीन युवकों और उनके प्रेम संबंधों पर आधारित है। 'पेज-3', 'कॉरपोरेट', 'फैशन' और 'जेल' बनाने के बाद मैं एक अलग तरह के सिनेमा से अपने प्रशंसकों को आश्चर्य में डालना चाहता था।

भंडारकर रविवार को अपनी इस फिल्म के प्रचार के लिए हैदराबाद में थे। फिल्म 26 जनवरी को प्रदर्शित होने वाली है। तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके भंडारकर ने कहा कि हालांकि उनकी यह फिल्म उनके पहले के कामों से अलग है, लेकिन फिर भी यह एक वास्तविक कॉमेडी है।

यह पूछे जाने पर कि उन्हें कॉमेडी बनाने का ख्याल कैसे आया, भंडारकर ने कहा कि वह हमेशा से ऐसी फिल्म बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि काफी समय पहले, जब मैं हैदराबाद में चांदनी बार की शूटिंग कर रहा था, तब्बू अक्सर मुझसे कहती थी कि मैं कॉमेडी क्यों नहीं बना रहा।

भंडारकर के मुताबिक, लोगों को कॉमेडी के माध्यम से हंसाना बहुत कठिन है और खास तौर पर "दिल तो बच्चा है जी" जैसी फिल्म से जो काफी तर्कपूर्ण है और जिसके किरदार ऐसे हैं जिनसे दर्शक जुड़ाव महसूस करता है।