Sunday, January 16, 2011

रेल बजट में द्वितीय श्रेणी भाड़ा बढ़ने की संभावना नहीं

वित्तीय समस्याओं से जूझने के बावजूद रेलवे द्वारा आगामी रेल बजट में द्वितीय श्रेणी के यात्री भाड़े में वृद्धि किए जाने की संभावना नहीं है हालांकि माल भाड़े में मामूली बढ़ोतरी की जा सकती है।
रेलवे के सूत्रों ने कहा कि सड़क मार्ग से माल भेजने वाले ट्रांसपोर्टरों से मिल रही प्रतिस्पर्धा के चलते माल भाड़े में संभावित बढ़ोतरी की संभावना है। रेल बजट फरवरी के अंतिम सप्ताह में पेश किया जा सकता है।
   
रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय द्वितीय श्रेणी के यात्रियों पर और भार डालने के पक्ष में नहीं है और यदि बढ़ोतरी होती है तो प्रथम श्रेणी के यात्रियों के लिए होगी और काफी कम होगी।
   
बहरहाल, सूत्रों ने बताया कि वित्त वर्ष 2010-11 में रेलवे की कुल आय करीब 94,765 करोड़ रूपये रही और रेलवे ढाई हजार करोड़ रुपये के घाटे का सामना कर रहा है।
सूत्रों ने कहा कि बजट में ऐसी किसी नई तरह की ट्रेन की घोषणा किए जाने की संभावना है जिसमें रेल का इंजन और कोच एक इकाई में होंगे। मंत्रालय के लोगों का कहना है कि इस प्रस्ताव पर हालांकि रेलवे बोर्ड के कई तबकों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इसमें खर्च काफी आयेगा।
   
ऐसे प्रस्ताव हैं कि ऐसे ट्रेन सेट का आयात किया जाए जो फ्रांस के टीजीवी, जर्मनी के आईसीई और जापान के शिनकासेन की तरह का हो। सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित ट्रेन सेट की कीमत 72 करोड़ रूपये आंकी गई है।
रेलवे की समय सारणी समिति की हाल ही में पुणे में हुई बैठक में ऐसे कई प्रस्ताव सामने आए और समझा जाता है कि वे इसमें बदलाव की रूपरेखा पर काम कर रहे हैं। इस संबंध में तत्काल ट्रेन पेश किए जाने की बात भी सामने आई है।
रेल मंत्री ममता बनर्जी के भाषण में शिकायत दर्ज कराने के लिए सभी क्षेत्रों में एसएमएस आधारित हेल्पलाइन शुरू किए जाने का उल्लेख भी हो सकता है। लेकिन रेल मंत्री के समझ सबसे बड़ी चुनौती वित्तीय समस्याओं से निजात दिलाने की होगी। छठे वेतन आयोग को लागू करने और माल की ढुलाई में नुकसान से मंत्रालय काफी प्रभावित हुआ है।
 

No comments:

Post a Comment