Sunday, January 9, 2011

बाबरी कमेटी की बैठक में तय हुई आगे की रणनीति

बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के फैसले और उसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका के मद्देनजर रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बाबरी मस्जिद कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें मुस्लिम पक्ष ने आगे की रणनीति तय की।
दिल्ली में हुई इस बैठक में पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ पदाधिकारी, कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल रहमी कुरैशी और मामले की वादी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। बीते वर्ष 30 सितंबर को न्यायालय का फैसला आने के तीन महीने के भीतर उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करनी थी। इसी के मद्देनजर सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से 14 दिसंबर को आरंभिक याचिका दायर कर दी गई थी।
पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और कमेटी के प्रवक्ता एस क्यू आर इलियास ने बातचीत में बैठक में हुए फैसलों की विस्तत जानकारी देने से इंकार किया तो हालांकि उन्होंने इतना जरूर बताया कि बैठक में आगे की रणनीति तय की गई है।
इलियास ने बताया कि पर्सनल लॉ बोर्ड की बाबरी मस्जिद कमेटी की बैठक में सभी वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में मामले की समीक्षा की गई। बैठक में यह भी फैसला हुआ कि फिलहाल मीडिया को आगे की रणनीति की विस्तृत जानकारी नहीं दी जाएगी।
उधर, बोर्ड के एक सदस्य ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इस बैठक में प्रमुख रूप से यह फैसला हुआ कि आगे उच्चतम न्यायालय में एक से अधिक अपील दायर की जाएगी। फिलहाल दो अपील दायर की गई और मामले से संबंधित कुछ और लोगों की ओर से अपील दायर की जा सकती है। कई मुस्लिम संगठन मध्यस्थ बनने की भी तैयारी में हैं।
कुछ दिन पहले इलियास ने कहा था सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से एक आरंभिक याचिका दायर की गई है। अब उच्चतम न्यायालय में इस मामले पर अपना विस्तृत पक्ष रखने की तैयारी की जा रही है। हमने मशहूर वकील राजीव धवन को अपनी पैरवी के लिए चुना है। आगे कुछ और वकीलों की मदद लेने पर बात चल रही है।
उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने बहुमत से यह फैसला किया था कि विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटा जाएगा। अदालत ने यह भी कहा था कि जिस स्थान पर रामलला विराजमान हैं, वही राम जन्मभूमि है।
 

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