Tuesday, January 18, 2011

भारत से बाहर गया 104 अरब डॉलर

आर्थिक तरक्की के मामले में नए मुकाम बनाने का दावा करने वाला भारत काला धन के मामले में भी नया कीर्तिमान बना रहा है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2000 से 2008 के दौरान 104 अरब डॉलर (करीब 4680 अरब रुपए) काला धन भारत से बाहर भेजा गया और इसके साथ ही काला धन विदेश भेजने वाले एशियाई देशों की सूची में उसका स्थान पांचवां था।

ग्लोबल फिनांशियल इंटेग्रिटी द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक, 2000 से 2008 के बीच के नौ वर्षो में एशिया के जिन देशों ने सबसे ज्यादा काला धन विदेश भेजा, उनमें पहले पांच हैं, चीन, मलेशिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया और भारत। ग्लोबल फिनांशियल इंटेग्रिटी वाशिंगटन-डीसी आधारित एक संस्था है। यह संस्था अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के मकसद से अनुसंधान करती है और सुझाव देती है।

संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक, इन नौ वर्षों में चीन ने 2.2 खरब डॉलर, मलेशिया ने 291 अरब डॉलर, फिलीपींस ने 109 अरब डॉलर और इंडोनेशिया ने 104 अरब डॉलर विदेश भेजे। भारत ने भी इंडोनेशिया के बराबर काला धन विदेश भेजा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि औसतन, एशिया से जितना काला धन विदेश भेजा जाता है उसका 95.5 फीसदी इन्हीं पांच देशों का होता है। यदि सभी विकासशील देशों द्वारा भेजे जाने वाले कुल काले धन के संदर्भ में देखें तो उसमें इन पांच देशों का हिस्सा करीब 44.9 फीसदी ठहरता है। हालांकि, विकासशील देशों द्वारा भेजे जाने वाले कुल काले धन के संदर्भ में इन अव्वल पांच देशों की हिस्सेदारी में गिरावट देखी जा रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2000 में इन पांच देशों की हिस्सेदारी 53.3 फीसदी थी, लेकिन इसके आठ वर्ष बाद, 2008 में यह हिस्सेदारी 36.9 फीसदी दर्ज की गई। अध्ययन में पाया गया कि 2000 से 2009 के दस वर्षो में अपराध, भ्रष्टाचार और व्यापार में कीमत में हेरफेर जैसी चीजों के जरिए इन विकासशील देशों से लगभग 6.5 खबर डॉलर साफ कर दिए गए।

भारत 2008 में काला धन विदेश भेजने वालों में पांचवा सबसे बड़ा देश था, पर अब वह ऐसे विकासशील देशों की सूची में 15वें स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार, उक्त सूची में भारत के नीचे की ओर खिसकने के पीछे ऐसे अवैध कारनामों को रोकने के लिए अपेक्षित नीतियों या शर्तों का कोई हाथ नहीं है।

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