Monday, January 17, 2011

डीडीए को जमीन पर कब्जे का आदेश, नमाज की इजाजत

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से कहा कि उसकी जिस जमीन पर हाल ही में एक अवैध मस्जिद गिराई गयी है, वहां एक चहारदीवारी का निर्माण किया जाए और समुदाय के 10 सदस्यों को दो महीनों तक नमाज अदा करने की अनुमति दी जाए।

न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी ने कहा कि डीडीए चाहरदीवारी का निर्माण पूरा करेगा और समुदाय के 10 लोगों को दो महीने की अवधि तक नमाज अदा करने के लिहाज से आने के लिए ढाई फुट का एक गेट छोड़ेगा। इनके नाम डीडीए और पुलिस को सौंपे जाएंगे।

लोगों को डीडीए की जमीन में घुसने के लिए उकसाने के मामले में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी तथा दिल्ली के तीन विधायकों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की मांग वाली याचिका पर अदालत को आज सुनवाई करनी थी। अदालत ने कहा कि इस स्तर पर इसे लेना जरूरी नहीं है।

न्यायमूर्ति सिस्तानी ने कहा कि मैं उद्देश्यपूर्ण ढंग से नेताओं के नाम नहीं ले रहा हूं जो खुद को इलाके का सूरमा समझते हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी को कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में अवगत कराना उनकी जिम्मेदारी है जिसे इसकी जानकारी नहीं है।

No comments:

Post a Comment