Saturday, November 5, 2011

बदलती किस्मत

कभी तो किस्मत बदलेगी मेरी...
कभी में भी मुस्कुराउंगा....
कब आएगा वोह दिन ....
जब तुम्हे भूल पाऊँगा...
जीते जी तो भुलाना मुश्किल है...
मरने के बाद भी न भुल पाऊँगा.....
तुम इम्तेहान लेती रहो...
मैं इम्तेहान देता जाऊँगा......
प्यार  एक बार किया है मैंने....
अब किसी से न कर पाऊँगा....
जब तक साँसे रहेंगी
तुम्हे ही चाहूँगा...
कभी तो किस्मत बदलेगी मेरी...
कभी में भी मुस्कुराउंगा........................
                              आज़म सिद्दिकी