Monday, December 27, 2010

जब सास बनी मां

क्या आपने कभी किसी सास को अपने दामाद की मां बनते देखा है? रील लाइफ में कभी-कभी ऐसा देखने और सुनने को मिल जाता है, पर रियल लाइफ की सास को रील लाइफ में मां बनते देखना अपने आप में अलग अनुभव हो सकता है। इस अनुभव के लिए आपको पाटियाला हाउस देखनी पड़ेगी। पटियाला हाउस निखिल आडवाणी और अक्षय कुमार की निर्देशक-अभिनेता जोड़ी की दूसरी फिल्म है। इस जोड़ी की दो साल पहले रिलीज पहली फिल्म चांदनी चौक टु चाइना फ्लॉप हो गयी थी। इस दूसरी फिल्म में निखिल ने फादर-सन रिलेशन के इमोशनल सब्जेक्ट को लिया है। फिल्म में एक पिता अपने बच्चों से उनके पुरुखों के बिजनेस को अपनाने के लिए मजबूर करता है। इस कारण से एक क्रिकेटर बेटे को अपने क्रिकेट जीवन को असमय खत्म करना पड़ता है। तब पिता के खिलाफ विद्रोह के स्वर उभरते हैं। यह स्वर उठाते हैं अक्षय कुमार और उनके विद्रोह का शिकार होते हैं ऋषि कपूर। ऋषि कपूर और अक्षय कुमार पहले भी विपुल शाह की फिल्म नमस्ते लन्दन में पिता पुत्र की भूमिका कर चुके हैं। दर्शकों के लिए बॉबी फेम ऋषि कपूर-डिम्पल कपाड़िया जोड़ी को एक साथ देखना सुखद अनुभव होगा, लेकिन इससे ज्यादा सुखद होगा एक सास को मां बनते हुए देखना। जी हां, निखिल आडवाणी की इस बाप-बेटा फिल्म में अक्षय कुमार की रियल लाइफ सास डिम्पल कपाड़िया ने उनकी मां की भूमिका की है। पटियाला हाउस से पहले डिम्पल ने वॉयस ओवर में अक्षय कुमार की मां का किरदार किया था। एनिमेशन फिल्म जम्बो में जम्बो हाथी के एनिमेशन करेक्टर को अक्षय कुमार ने आवाज दी थी तथा जम्बो की मां के एनिमेशन करेक्टर को वॉयस ओवर डिम्पल कपाड़िया ने किया था। इस संयोग के बारे में पूछे जाने पर डिम्पल कपाड़िया का रिएक्शन कुछ ऐसा था, वंडरफुल! आई फील प्राउड टु बी मदर ऑफ अक्षय कुमार..दैट मेक्स मी फील वैरी हैप्पी।
 

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