Saturday, February 5, 2011

निष्कर्ष
तमाम अन्य बातों पर दीगर करने पर एक बात तो स्पष्ट रूप से सामने आती है कि एंग्री यंगमैंन वाले चरित्र निरीह हो उठे और उसकी जगह ले ली हलके फुल्के चोकोलेटी युवओं ने जो प्रेम के लिए सब कुछ त्यागने  को तैयार रहते थे | मुख्य कथानक का मुख्य चरित्र अब पहले जैसे ग्रामीण युवक न होकर एक ऐसा व्यक्ति होता है जो बचपन से विदेशो में रह और अपनी युवावस्था में किसी कार्य को करने के लिए अपने देश लौट जाते है और बाद में वोह हीरो बन जाते है | खैर इसका प्रभाव भारतीय सिनेमा पर साकरात्मक अर्थो में हुआ | लोग उब चुके थे और सिनेमा में नयापन देखने के इच्छुक थे, और फिल्मों में यह एक प्रयोग था जिसका दर्शको में ज़बरदस्त प्रभाव पड़ा और भारतीय जन जीवन जो गाँव में बसते है उठकर सुन्दर देशो में कैमरे द्वारा सैर करने लगे | सहजता से अंग्रेजी बोलते पात्र,सबको प्रभावित करने लगे | और धीरे-धीरे यह पात्र रुपहले परदे पर छा गए | 

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