निष्कर्ष
तमाम अन्य बातों पर दीगर करने पर एक बात तो स्पष्ट रूप से सामने आती है कि एंग्री यंगमैंन वाले चरित्र निरीह हो उठे और उसकी जगह ले ली हलके फुल्के चोकोलेटी युवओं ने जो प्रेम के लिए सब कुछ त्यागने को तैयार रहते थे | मुख्य कथानक का मुख्य चरित्र अब पहले जैसे ग्रामीण युवक न होकर एक ऐसा व्यक्ति होता है जो बचपन से विदेशो में रह और अपनी युवावस्था में किसी कार्य को करने के लिए अपने देश लौट जाते है और बाद में वोह हीरो बन जाते है | खैर इसका प्रभाव भारतीय सिनेमा पर साकरात्मक अर्थो में हुआ | लोग उब चुके थे और सिनेमा में नयापन देखने के इच्छुक थे, और फिल्मों में यह एक प्रयोग था जिसका दर्शको में ज़बरदस्त प्रभाव पड़ा और भारतीय जन जीवन जो गाँव में बसते है उठकर सुन्दर देशो में कैमरे द्वारा सैर करने लगे | सहजता से अंग्रेजी बोलते पात्र,सबको प्रभावित करने लगे | और धीरे-धीरे यह पात्र रुपहले परदे पर छा गए |
तमाम अन्य बातों पर दीगर करने पर एक बात तो स्पष्ट रूप से सामने आती है कि एंग्री यंगमैंन वाले चरित्र निरीह हो उठे और उसकी जगह ले ली हलके फुल्के चोकोलेटी युवओं ने जो प्रेम के लिए सब कुछ त्यागने को तैयार रहते थे | मुख्य कथानक का मुख्य चरित्र अब पहले जैसे ग्रामीण युवक न होकर एक ऐसा व्यक्ति होता है जो बचपन से विदेशो में रह और अपनी युवावस्था में किसी कार्य को करने के लिए अपने देश लौट जाते है और बाद में वोह हीरो बन जाते है | खैर इसका प्रभाव भारतीय सिनेमा पर साकरात्मक अर्थो में हुआ | लोग उब चुके थे और सिनेमा में नयापन देखने के इच्छुक थे, और फिल्मों में यह एक प्रयोग था जिसका दर्शको में ज़बरदस्त प्रभाव पड़ा और भारतीय जन जीवन जो गाँव में बसते है उठकर सुन्दर देशो में कैमरे द्वारा सैर करने लगे | सहजता से अंग्रेजी बोलते पात्र,सबको प्रभावित करने लगे | और धीरे-धीरे यह पात्र रुपहले परदे पर छा गए |
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