Sunday, February 6, 2011


अप्रवासी भारतीयों पर फिल्मे

      इस अवधि की एक और विशेषता हिंगलिश फिल्मों का निर्माण रही | यह फिल्मे विदेशी तथा भारतीय सिनेमा का मिला जुला रूप रही | इन फिल्मों ने ना सिर्फ भारतीय जनता को बल्कि विदेशो में रह रहे अप्रवासी भारतीयों को प्रभावित किया | बेंड इट लाइक बेख्क्हम, मोंसून वेद्डिंग , मई नेम इस खान , कल हो ना हो , नमस्ते लन्दन आदि ऐसी ही फिल्मे है | 

2001 में आई  "कहो ना प्यार है"  उस साल की सबसे बड़ी हिट थी | हृतिक रोशन ने अपनी फ़िल्मी करियर की शुरुआत इसी फिल्म से की | इसमें उन्होंने डबल रोल में काफी अच्छा अभिनय किया |उसमे इन्होने रोहित और राज की भूमिका निभाई| रोहित जो आम इंसान होता है और राज एक प्रवासी भारतीय होता है जो कैनेडा में रहता है | अपने प्यार को पाने क लिए वो इंडिया तक चला आता है | एक्शन और रोमांस की मिली जुली इस फिल्म को लोगो ने बहुत सराहा |
     इसी वर्ष मानसून वेद्डिंग फिल्म भी भी आई जो एक शादी को  लेकर थी ,उस शादी में अलग अलग देशो से आ रहे प्रवासियों का बहुत अच्छे  ढंग से प्रस्तुत किया है |
       "कभी ख़ुशी कभी गम" 2001 में आई इसकी मुख्य भूमिका में शाहरख खान और अमिताब बचन है | घर में एक बेटे का अपनी मर्ज़ी से फेसला लेने पर उस पर क्या बीतती है, और वो गुस्से में आकर बेटे को घर से जाने को कहते है ,इसके बाद उसका बेटा कहा है क्या कर रहा है उसे कोई मतलब नहीं| तब उसका छोटा बेटा हृतिक रोशन उन्हें ढूँढने लन्दन जाता है जहाँ शाहरुख़ खान एक प्रवासी बन कर रह रहा होता है | ये फिल्म पूरे परिवार के लिए है और यह फिल्म 2001 की हिट फिल्म थी.|
    2002 में आई "मुझसे दोस्ती करोगे" इस फिल्म में कारन की भूमिका में हृतिक रोशन है | उनका परिवार इंडिया छोड़ कर लन्दन चला जाता है वह से इंडिया में नेट पर चेटिंग करता है पूजा से | लन्दन में रहते हुए भी उनके दिल में इंडिया बसा है | कारन शादी  करने के लिए लन्दन से परवार क साथ इंडिया आता है | इंडिया की संस्कृति बोहत अच्छे  ढंग से प्रस्तुत की है |
      "कल हो ना हो" 2003 शाहरुख़ खान की हिट फिल्म है | इसमें उन्होंने एक हार्ट पेशांत की भूमिका निभाई है |वोह अपना इलाज करवाने अमेरिका जाते है जहा उनकी मुलाकात नेना से होती है| वो एक अमेरिका की कालोनी है जहाँ प्रवासी भारतीय एक साथ रहते है | वो  खुद आखिरी पल गिन रहा है ज़िन्दगी के इस लिए सबको को खुश रहना और हसना गाने को कहता रहता है| उसे खुद को नेना से मोहब्बत हो जाती है मगर वोह नेना से नहीं कहता और नेना की शादी सैफ अली खान से करवा देता है और अंत में उसकी मौत हो जाती है | पूरी फिल्म फॅमिली के साथ देख सकते है |

  "रामजी लन्दनवाले " 2005 में आई इसमें माधवन ने एक खाने पकाने वाले का किरदार निभाया है | वो खाना पकाने के लिए एक व्यक्ति के बुलाने पर लन्दन जाते है पर जेसे ही वो वहां पोहंचते है उनकी मृत हो जाती है | वो परेशां इधरउधर घुमते है और फिर एक प्रवासी भारतीय के पास काम करने लगते है और लन्दन उन्हें रास नहीं आता वहा का कल्तुरे तहज़ीब उन्हें पसंद नहीं आती और वो वापस इंडिया आ जाते है अपने देश |फिल्म को काफी अच्छा प्रस्तुत किया है और माधवन की एक्टिंग भी शानदार रही |
          "नमस्ते लन्दन" 2007 में आई | मुख्य भूमिका में अक्षय कुमार और कैटरीना कैफ थी |इस फिल्म को लोगो ने बहुत पसंद किया | इसमें भारतीय संकृति और परंपराओ को बोहत अच्छे से प्रस्तुत किया है | ये फिल्म हिट हुए इसमें इंडिया के लड़के की शादी लन्दन में पली बड़ी लड़की से इंडिया में लाकर शादी करवा देता है पर वोह वहां खामोश रहती है और वापस लन्दन आकर उस शादी को एक मज़ाक बताती है | इस फिल्म में किस तरह से अब उससे समझेंगे ये देखने लायक है |
        "सिंह इस किंग " 2008 में आइ| ये फिल्म उस साल की हिट फिल्म थी | इस फिल्म में पंजाब के एक बुडे बाप के पुत्र ऑस्ट्रेलिया में रह रहे है | फुल कॉमेडी के साथ इस फिल्म को बोहत अची तरह से प्रस्तुत किया गया है | इसमें लकी इंडिया से ऑस्ट्रेलिया अपने दोस्तों को वापस अपने वतन लाने के लिए जाता है और खुद वही पर काफी दिन तक रुक जाता है |और आखिर में वोह कामयाब होता है अपने दोस्तों को वापस उनके घर लेन में |फिल्म का गाना ""तुझे घोड़ी किन्ने चदय" काफी मशहूर हुआ
       "न्यू योंर्क" 2009 में आई |इस फिल्म में 11 सितम्बर पे जो हमला हुआ था, उससे क्या बीती अमेरिका में रहने वाले भारतीयों पर और उससे परेशान होकर लोगो ने क्या कदम उठाए |काफी कुछ  प्रस्तुत किया है |
"मई नेम इज खान " 2010 में आई | इस फिल्म को भारत में तो पसंद किया गया पर बहार देशों में कुछ ज्यादा ही पसंद किया गया |इस फिल्म में शाहरुख़ खान ने रिजवान खान की भूमिका निभाई है, जो दिमागी रोगी है | उसका छोटा भाई उसे अमेरिका ले जाता है और अपनी पत्नी से उसका इलाज भी करवाता है जो एक डॉक्टर है | उसे मंदिरा (काजोल) से प्यार हो जाता है और शादी भी हो जाती है |एक मुस्लिम नाम का होना अमेरिका में साब भारतीयों के साथ ग़लत हो रहा है अपने नाम को लेकर रिजवान को भी अमेरिका में काफी परेशानियों का सामना करना पढता है |सबसे परेशां होकर वो थान लेता है की में अमेरिका के प्रेसिडेंट से मिलूँगा और और वोह सफ़र पर निकल पढता है |

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